उत्तर प्रदेश में खनिज संसाधन
उत्तर प्रदेश में खनिज संसाधन विंध्यक्रम की शैलों, बुंदेलखंडीय क्षेत्रों, हिमालय श्रेणी के निचले भागों तथा कुछ नदी घाटियों में खनिज तथा उप खनिज पाए जाते हैं । खनिज संसाधनों उपलब्धता की दृष्टि से उत्तर प्रदेश एक निम्न-मध्यम श्रेणी का राज्य है । उत्तर प्रदेश में सर्वाधिक खनिज संसाधन प्रदेश के दक्षिण पठारी क्षेत्र में पाए जाते हैं ।
उत्तर प्रदेश खनिज नीति
उत्तर प्रदेश में खनिज संपदा की खोज, विकास एवं खनिज संपदा पर आधारित उद्योगों की स्थापना के लिए वर्ष 1955 में भू-तत्व एवं खनिज कर्म निदेशालय की स्थापना की गई ।
भू-तत्व एवं खनिज कर्म निदेशालय द्वारा खोजे गए खनिज भंडारों को विकसित करके उन पर आधारित उद्योग लगाने के उद्देश्य से वर्ष 1974 में उत्तर प्रदेश राज्य खनिज विकास निगम की स्थापना हुई ।
उत्तर प्रदेश की पहली खनिज नीति दिसंबर 1998 में बनाई गई जिसमें खनिज विकास को उद्योग का दर्जा दिया गया । उत्तर प्रदेश की नई खनन नीति मई 2017 में लागू की गई है, नई खनन नीति में भ्रष्टाचार से निपटने के लिए अनेक उपाय किए गए हैं ।
उत्तर प्रदेश की पहली खनिज नीति में प्रदेश के 12 जिलों को खनिज बहुल क्षेत्र घोषित किया गया । इन जिलों में अधिकतर जिले बुंदेलखंड क्षेत्र में स्थित है । जो कि निम्न प्रकार है-
- जालौन
- झांसी
- ललितपुर
- हमीरपुर
- महोबा
- बांदा
- चित्रकूट
- सोनभद्र
- प्रयागराज
- मिर्जापुर
- चंदौली
- सहारनपुर
उत्तर प्रदेश के प्रमुख खनिज
उत्तर प्रदेश के प्रमुख खनिजों में बॉक्साइट, डायस्पोर, डोलोमाइट, जिप्सम, मैग्नेसाइट, चूना पत्थर, ओकर (गेरू), फास्फोराइट, फाइरोफ़ाईलाइट, सिलिका रेत, गंधक व कोयला आदि पाए जाते हैं । इसके अलावा मोरंग, बजरी, इमारती पत्थर, संगमरमर, सामान्य बालू कंकड़ व लाइमस्टोन आदि प्रमुख उपखनिज भी पाए जाते हैं । तथा कुछ अन्य खनिज भी अल्प मात्रा में पाए जाते हैं ।
उत्तर प्रदेश में पाए जाने वाले खनिज एवं उनके स्रोत स्थल निम्न प्रकार है-
चूना पत्थर- चूना पत्थर मिर्जापुर जिले के गुरुमा, कनाच, बाबूहारी एवं रोहितास क्षेत्रों तथा सोनभद्र के कजराहट क्षेत्रों में उच्च श्रेणी का चूना पत्थर प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। चूना पत्थर की उपलब्धता में प्रदेश का देश में दूसरा स्थान है ।
कोयला- उत्तर प्रदेश में कोयला सोनभद्र के गोंडवाना एवं सिंगरौली क्षेत्रों में पाया जाता है । कोयले के भंडार की दृष्टि से उत्तर प्रदेश का देश में आठवां स्थान है ।
बॉक्साइट- बॉक्साइट के भंडार उत्तर प्रदेश के बांदा, चंदौली और ललितपुर जिलों में पाए जाते हैं । बॉक्साइट एलुमिनियम का एक मुख्य अयस्क है ।
डोलोमाइट- उत्तर प्रदेश में उच्च स्तर का डोलोमाइट खनिज सोनभद्र के कजरा हट क्षेत्र एवं बांदा जिले से प्राप्त होता है । डोलोमाइट का उपयोग इस्पात उद्योग में किया जाता है तथा यह पोर्टलैंड सीमेंट, प्लास्टर ऑफ पेरिस तथा गंधक और तेजाब के निर्माण में भी उपयोग किया जाता है ।
कांच बालू (सिलिका सैंड)- उत्तर प्रदेश में कांच बनाने योग्य सिलका बालू गंगा तथा यमुना नदियों से प्राप्त किया जाता है । प्रदेश के झांसी जिले के मुंडारी एवं बाला बहेट क्षेत्र, प्रयागराज के शंकरगढ़ एवं यमुना नदी क्षेत्र, चंदौली के चकिया क्षेत्र, बांदा के लोहागढ़, बरगढ़ क्षेत्र तथा चित्रकूट जिले के धानद्रोल क्षेत्र से कांच बालू प्राप्त होता है ।
पोटाश लवण- पोटाश लवण प्रदेश के झांसी चंदौली बांदा एवं प्रयागराज जिलो से प्राप्त किए जाते हैं ।
सेलखड़ी- उत्तर प्रदेश के झांसी एवं हमीरपुर जिलो में सेलखड़ी खनिज के भंडार हैं । इसका उपयोग कीटनाशक पाउडर सौंदर्य प्रसाधन टेक्सटाइल तथा कागज आदि के निर्माण में किया जाता है ।
रॉक फास्फेट- इस खनिज के उत्तर प्रदेश के ललितपुर जिले के दुरमाला किमोई मसराना माल देवता और चमसारी में अपार भंडार हैं । तथा रॉक फास्फेट खनिज के नए भंडार बांदा जिले में प्राप्त हुए हैं । इस खनिज का उपयोग उर्वरक बनाने एवं अम्लीय मृदा के सुधार में किया जाता है।
हीरा- उत्तर प्रदेश में हीरा अल्प मात्रा में बांदा जिले में मिलता है तथा मिर्जापुर जिले के जंगलों में भी कुछ हीरे प्राप्त हुए हैं । बांदा जिले के सीमावर्ती क्षेत्र कालिंजर में भी हीरे के व्यापक भंडार होने की संभावना है ।
सोना- उत्तर प्रदेश में सोना शारदा और रामगंगा नदियों की रेत में कुछ मात्रा में पाया जाता है । सोनभद्र जिले की पहाड़ियों में भी स्वर्ण भंडार होने की संभावना है इसकी खोज प्रगति पर है ।
तांबा- उत्तर प्रदेश के ललितपुर जिले के सोनराई क्षेत्र में तांबे के भंडार पाए जाते हैं ।
यूरेनियम- उत्तर प्रदेश के ललितपुर जिले में यूरेनियम के सीमित भंडारों की खोज की गई है ।
संगमरमर- संगमरमर एवं अन्य इमारती पत्थरों के भंडार उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर एवं सोनभद्र जिलों में पाए जाते हैं ।
एसबेस्टस- एस्बेस्टस उत्तर प्रदेश की मिर्जापुर एवं झांसी जिले के बड़ागांव क्षेत्र में पाया जाता है । इस खनिज का उपयोग विद्युत उपकरण बनाने एवं सीमेंट निर्माण में किया जाता है ।
जिप्सम- जिप्सम, प्रदेश के झांसी तथा हमीरपुर जिलों में पाया जाता है।
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